baat pathe k
तो भैया हम बात कर रहे थे, लड़कियों की चाहत की। वो लड़को को कैसे देखती है, कैसे अच्छे लड़के की पहचान करती है। वगैरहा वगैरहा। कहते है औरतों की नज़र बहुत कयामत की होती है, किसी को भी एक नज़र मे देखकर पहचान लेती है। बस एक नज़र ही काफी होती है, पास या फेल। लेकिन फिर भी , जब भी किसी डेट पर जाओ, या किसी लड़की से दोस्ती हो, तो निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना, जिन्दगी भर सुखी रहोगे, तो शुरु करें ना?
१. क्या आपने सही कपड़े पहने है?
welldressedबहुत ही जरुरी है भई, आपने मंहगे कपड़े पहने हो या ना पहने है, सलीके के कपड़े है कि नही। ऐसा तो नही बऊवा की तरह के गैट-अप मे हो आप। अगर आप डेट पर जा रहे है तो अपने परिधान का विशेष ध्यान रखें। आप नोट करे ना करें, कि आपने कैसे कपड़े पहन रखे है, लड़कियाँ एक एक चीज नोट करती है (अब टाइम ज्यादा होता है या शौंक कह नही सकते), एक और बात, मौसम के अनुसार और लेटेस्ट फैशन के अनुसार ही परिधानों का चयन करें। ऐसा ना हो, कि वो आप में शाहरुख खान को ढूंढे और आप देव आनन्द की तरह तैयार हों।
२. आत्मविश्वास का स्तर
आपका आत्मविश्वास का स्तर ऊँचा होना चाहिए, ऐसा ना हो कि आप लड़की से मिलने जा रहे है और शर्म से नीचे गड़ा जा रहा हो। और कान्फ़ीडेन्स लेवेल इतना भी ऊपर ना हो कि, आप उसके कन्धे और पेट के बीच मे ही देखते जा रहे हो। मतलब कान्फ़ीडेन्स लेवेल को कन्ट्रोल मे रखकर, सलीके से पेश आएं। डिप्प्रेशन का शिकार ना हो, और ना ही ओवर कान्फ़िडेन्स के पचड़े मे पड़ें। आखिर लड़की से मिलने जा रहे हो किसी इन्टरव्यू मे थोड़े ही जा रहे हो।
३. तुलनात्मक अध्ययन
लड़कियों की एक खराब आदत होती है, वो मौजूदा प्रेमी/दोस्त की तुलना पिछले वाले से जरुर करती है, बार बार, लगातार करती है। अब ये अनजाने मे होता है या जान बूझकर, या फिर आपको चिढाने के लिये, लेकिन होता जरुर है। उदाहरण के लिए ” ये वाला इस तरह से बोलता है, उस वाले की मुस्कराहट कितनी अच्छी थी! इस वाले का पहनावा अच्छा है, लेकिन मूंछे तो पिछले वाले की ज्यादा अच्छी थी।” अब पिछले वाले (प्रेमी/दोस्त) को पकड़कर कूटने से तो कुछ होने वाला है नही, इसलिए इसका मतलब ये हुआ कि आपको एक बार नही, बार बार लगातार इम्तिहान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
४. आपकी पिछली गर्लफ्रेन्ड
अरे हाँ! ये टापिक उनके लिए बहुत मुफ़ीद रहता है। बहुत सही टाइमपास होता है उनका। साम, दाम दण्ड, भेद वो आपसे यह बात उगलवाने के लिए तैयार रहती है कि पिछली वाली गर्लफ़्रेन्ड मे क्या अच्छाई थी या क्या बुराई थी। खबरदार! आप किसी ट्रैप मे मत फंस जाना। दरअसल इनका मकसद तो आपके दिल मे छिपी मैल को बाहर निकालना होता है, ये देखना चाहती है कि आप अपनी पिछली रिश्ते/दोस्ती की बात सुनकर कैसा रिएक्ट करते है या कितनी कडुवाहट दिखाते है। जाहिर है, अक्सर लोग, पिछली गर्लफ्रेन्ड मे कमिया निकलने की कोशिश करते है। मेरी एडवाइस माने तो पिछली वाले के प्रति गुस्सा ना ही निकाले तो अच्छा है, क्योंकि पिछली वाली तो वैसे भी छोड़कर टहल गयी, अब ये वाली हाथ से क्यों जाने दें। समझ गए ना?
५. धैर्य की परीक्षा
लड़कियाँ यह चीज जरुर चैक करती है कि आपमे उनको सुनने की कितनी क्षमता है, मतलब कितना झेल सकते हो। दरअसल वो यह चैक कर रही होती है कि आगे अगर जिन्दगी भर साथ निभाना पड़े (वैसे इत्ता लम्बा वो सोचती कैसे होंगी?) तो बन्दा कितना सुन सकता है। और हाँ अक्सर वो कहेंगी, अपने बारे मे और बताओ, मतलब आपके बारे मे सब कुछ जानने की इच्छा रखेंगी। लेकिन एक लिमिट के बाद, उसके बाद वो खुद-ब-खुद शुरु हो जाती है। इसलिए ध्यान रखिए, जोश मे होश ना खो बैठना, आप शुरु तो एक्सप्रेस की तरह हो, लेकिन मुलाकात दर मुलाकात ही अपनी पर्ते खोलना। मूलमन्त्र: अच्छे श्रोता बनिए, प्रेमिका को विविध-भारती की तरह समझिए, (मतलब चुपचाप सुनते रहिए) तभी सुखी रहेंगे।
६. विनम्रता
आप दूसरों के साथ कैसे पेश आते है, छोटे, बड़े, बच्चे, बूढे के साथ सम्मानपूर्वक बात करते है कि नही। वो मुन्न्नाभाई मे आपने देखा ही होगा, कि लड़का अगर वेटर को सीटी मारकर बुलाए तो, कट लेना। बोले तो विनम्रता का साथ नही छोड़ने का भीड़ू! लेकिन विनम्रता का मतलब ऐसा नही कि कोई भी आने जाने वाला आपको टीप मारकर चलता बने और आप थैंक्यू करते रहे। मौके की नज़ाकत को समझते हुए विनम्रता या दूसरे तरीके से व्यवहार करें। समझ गए ना?
७. सिर्फ़ मेरी सुने
एक और अझेल चीज, लड़किया चाहती है कि आप सिर्फ़ उनकी सुनो। लड़कियाँ इसे आपसी समझदारी का नाम देती है। आपसी समझदारी बोले तो, लड़की लोग का एक प्रोबलम होता है, वो पूरा पूरा अटैन्शन मांगती है, वो कुछ भी बोले, आप पूरी तरह से कान लगाकर सुनो। जैसे आसाराम बापू का प्रवचन सुन रही हो। सुनो जरुर, भले ही कान मे रुई डालकर जाओ, लेकिन लड़की को लगना चाहिए कि आप उसको पूरी तरह से सुन रहे हो। वो भले टीवी सीरियल की बातें करे, या अपने आफिस के चपरासी जग्गू के घर का प्रोबलम। आपको कान लगाकर सुनना है, जहाँ जरुरत पड़े ह्म्म ह्म्म करते रहना है। एक और बात पर विशेष ध्यान देना, लड़किया अक्सर अपनी मन की बात, दूसरो के उदाहरण देकर समझाती है, जरा विशेष ध्यान रखना, कंही जग्गू की प्रोबलम मे आपके लिए कोई संदेश तो नही है?
८. कितनी तारीफ़ करता है
दुनिया मे कोई भी एक लड़की ढूंढ कर दिखा दो, जो अपनी तारीफ़ सुनकर खुश ना होती हो। आपकी रिलेशनशिप की मजबूती और जीवनकाल आपकी तारीफ़ करने की क्षमता पर भी बहुत कुछ निर्भर करती है। तारीफ़ भी अलग अलग तरीके के साथ। यहाँ पर कुछ बाते जरुर ध्यान रखना, भूले से भी उसकी सहेली की तारीफ़ मत कर देना, नही तो बेटा गए काम से। लवर्स स्पॉट की पिकनिक मे अगर वो बैगंन की जली हुई सब्जी बनाकर लायी, तो भी आपको खाते हुए, सब्जी की तारीफ़ करनी होगी, (ये शादी के पहले की बात कह रहा हूँ, शादी के बाद, तो आप मेरी नही मानोगे, अपनी मनमर्जी करोगे, मै जानता हूँ।)
९.गिड़गिड़ाइए नही!
आप अपनी गर्लफ्रेन्ड की कितनी कद्र करते है? कद्र करने मे आपके प्वाइन्ट बढते है, लेकिन ध्यान रखिए, आप अगर ज्यादा गर्जूपना दिखाएंगे तो माइनस मार्किंग होती है। लड़किया यह देखना चाहती है कि ये बन्दा कितना मोल्ड हो सकता है। इसलिए मोल्डिंग का पूरा पूरा एक्स्पेरीमेन्ट आपके ऊपर किया जाता है। लेकिन मेरी राय मानो तो चरणदास की कैटेगरी तक मत जाना। समझे ना।
१०. कितने वादे निभाता है
अव्वल तो आप वादे ही मत करो, कि ये ला दूंगा, वो ला दूंगा। लेकिन करो तो निभाओ भी। वादे निभाने मे ये चीज जरुर ध्यान रखना कि चाँद तारों की बात तो करो, लेकिन तोड़ने ताड़ने का काम सिर्फ़ फलों का ही करना। और कभी उसको यह मत दिखाना कि मेरी यहाँ, वहाँ, जहाँ, तहाँ पहुँच है, नही तो बेटा, फंस जाओगे। फिर भले ही उसके छोटे भाई के लिए ट्यूटर ढूंढना हो, या उसकी माता जी का हास्पिटल मे चैक-अप सारे काम तुम्हारे मत्थे ना पड़े तो कहना। इसलिए, हाँकने मे थोड़ी लगाम रखना। नही तो लोगो से पूछते फिरोगे, फलाना हास्पिटल मे पहचान है क्या?
११. केयरिंग।
ये एक और पंगे की चीज होती है, केयरिंग। यहाँ केयरिंग के मायने अलग अलग होते है। लड़का घुमाने-फिराने, महंगी गिफ़्ट देने, मौज-मस्ती कराने को केयरिंग मानता है, लड़की तारीखे याद रखने को। लड़कियाँ इतिहास मे बहुत तेज होती है, मतलब हर तारीख,महीना, दिन और समय तक याद रखती है, इसलिए उसका जन्मदिन, उसके कुत्ते का जन्मदिन, पहली मुलाकात की बरसी (दु:ख की बरसी ही तो होती है लल्लू), पहले फोन की एनीवर्सरी वगैरहा वगैरहा सब याद रखना। याद रखने के लिए भले गूगल कलैन्डर का सहारा लेना पड़े,लेना, लेकिन बबुआ, अगर तुम एक भी तारीख भूल गए, तो हजार बाते सुनने के लिए तैयार रहना,
just try !!! hoga ya nahin ye nahin pata
आइए आजकुछ बात करते है धूम्रपान (Smoking) छोड़ने की। वैसे तो धूम्रपान की आदत को छोड़ना आसान नही होता, लेकिन यदि आप मेरे लिखे कुछ प्वाइंट्स के आजमाएंगे तो यकीनन आप धूम्रपान की आदत से छुटकारा पा जाएंगे। इसके पहले मै आपको कुछ बताना चाहूंगा। स्कूल/कालेज टाइम मे मैने भी स्मोकिंग के ढेरो रिकार्ड तोड़े थे, हर सिगरेट, बीड़ी और सिगार को ट्राई किया था। ट्राई क्या जी, एक सिगरेट बुझती नही थी और दूसरी जलाने के लिए मन मचलने लगता था। ऐसा कोई ब्रांड नही था जो हमने ट्राई नही किया था। जाहिर है संगत भी वैसी थी। लेकिन आज अगर कोई बगल मे खड़ा होकर सिगरेट पीता है तो धुंए से दिक्कत होती है। तो आइए हम अपने अनुभव से कुछ प्वाइंट बताते है जिससे आप अपनी (अथवा अपने साथियों की) स्मोकिंग छुड़वा सकते है। हो सकता है आप हमारे कुछ अनुभवों से सीख ले सकें, अन्यथा आप इन अनुभवों को दूसरे धूम्रपान करने वालों को बता सकते है।
1. अपने परिवार की फोटो अपने पास रखें
आप अपने परिवार की एक ग्रुप फोटो अपने पास जरुर रखें। जब भी आप सिगरेट पीजिए, तो धुंए के आरपार उस फोटो को देखिए। वैसे भी असली जिंदगी मे यही होता है, सिगरेट आप पीते है, और आपका पूरा परिवार पैसिव स्मोकिंग झेलता है। धुंए के पार फोटो देखने से आपको लगेगा कि आप सिगरेट पी रहे है, लेकिन धुंआ आपका परिवार झेल रहा है। यकीन मानिए धीरे धीरे आपको अपनी सिगरेट पीने की आदत से चिढ होने लगेगी। बस इसी पल का इंतजार करिए। अगला प्वाइंट पढिए।
2. दॄढ निश्चय
सबसे पहले तो आप यह निश्चय करें कि आप सिगरेट छोड़ना चाहते है। कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन बिना आपकी मर्जी के, कोई भी आपसे सिगरेट नही छुड़वा सकता। ये बात आपके अंदर से ही आनी चाहिए, तभी कुछ आगे बात बनेगी। हो सके तो सिगरेट छोड़ने के कारणो को आप एक डायरी मे लिखें और हर रोज सोने से पहले उस डायरी के पन्ने को पढें।
3. कसम मत खाएं
कभी भी जल्दबाजी या आवेश मे आकर सिगरेट छोड़ने की गलती नही करें। यदि आप तैश मे आकर सिगरेट छोड़ने की कसम खाते है तो यकीनन आपका दिमाग अगले ही पल कसम तोड़ने के बहाने तलाशने लगेगा। इसलिए सिगरेट छोड़ने का फैसला पूरे होशो हवाश, बिना आवेग मे आकर करें।
4. आत्मसंयम
दॄढ निश्चय के बाद दूसरी सबसे जरुरी चीज जो आपको चाहिए होगी, वो है आत्मसंयम। यदि आप अपने ऊपर कंट्रोल नही रख पाएंगे तो सारा किया धरा धुंए मे उड़ जाएगा। इसलिए आत्मसंयम और आत्मनियंत्रण बहुत जरुरी है। हो सकता है शुरु शुरु मे दिक्कत आएं, लेकिन आप कर सकते है।
5. सिगरेट का स्टॉक हटाएं
जिस दिन आपने सिगरेट छोड़ने का मन बनाया, अपना सिगरेट का पुराना स्टॉक, पनवाड़ी को वापस करे दें यदि वो ना ले तो चौकीदार तो होगा। वैसे मुझे उम्मीद है, आप अपने आसपास सिगरेट/बीड़ी पीने वालों का पूरा रिकार्ड रखते होंगे। इसलिए आपके लिए सिगरेट का स्टॉक खपाना कोई बड़ी बात नही होगी। जब भी आपको सिगरेट की तलब लगे, तो आप जाकर एक जी हाँ सिर्फ़ एक सिगरेट लेकर आएं।
6. अपनी क्लास अलग बनाएं
सबसे पहले तो आप अपने आपको भीड़ से अलग माने। अपना अलग ब्रांड की सिगरेट ही पीजिए। यदि लोग गोल्डफ़्लेक पीते है तो आप मार्लबोरो पीजिए, कोशिश करिए ऐसी सिगरेट की आदत बनाए जो दूसरे लोगो के हाथों मे ना दिखे। कोशिश करिएगा कि वो सिगरेट आपके पड़ोस के पनवाड़ी की दुकान पर ना मिलती हो। दूर जाकर लाना पड़े।
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7. सिगरेट को समय से जोड़े
अक्सर लोग जब खुश होते है तो सिगरेट पीते है, दु:खी होते है तो सिगरेट पीते है, टेंशन मे है तो पीते है और आनन्द अनुभूति मे भी सिगरेट पीते है। सबसे पहले तो आपको सिगरेट की फ्रिक्वेंसी पर लगाम लगानी पड़ेगी। आठ घंटे या दस घंटे मे एक सिगरेट। यदि आप चेनस्मोकर है तो आठ घंटे की फ्रिक्वेंसी सैट करिए और यदि आप दिन मे कभी कभार पीने वाले है तो 48 घंटे की फ्रिक्वेंसी सही रहेगी। वैसे यह व्यक्ति दर व्यक्ति अलग हो सकती है, सबसे बेहतर आप स्वयं ही जान सकते है कि कौन सी फ्रिक्वेंसी आपके लिए वाजिब रहेगी।
8. सिगरेट के दुश्परिणामो पर पढें
आपके पास कम से कम एक किताब तो ऐसी जरुर होनी चाहिए जिसमे सिगरेट पीने के बुरे परिणामो के बारे मे लिखा हो। कोशिश करिएगा कि उस किताब मे कुछ चित्र भी हो। जब भी आपके पास खाली समय हो, उस किताब के पन्ने जरुर पलटिएगा। वैसे भी इंटरनैट खंगालने पर आपको ऐसी ढेर सारी वैबसाइट मिल जाएंगी।
9. अपनी ऐशट्रे को साफ मत करिए
ध्यान रखिएगा, आप जितनी चाहे सिगरेट पीजिएगा, लेकिन अपनी ऐशट्रे को साफ मत करिएगा, ये आपको याद दिलाती रहेगी कि आपने कितनी सिगरेट पी है। हफ़्ते के हफ़्ते (अथवा हर पंद्रह दिनो में) आप अपनी ऐशट्रे मे बुझी सिगरेटों की गणना करिएगा, और निश्चय करिएगा कि अगली गणना मे यह संख्या और कम हो। यदि आप अलग अलग जगहों पर सिगरेट पीते है, ध्यान रखिएगा आप बुझी सिगरेट की बट अपने साथ घर ले आएं और घर मे एक गिलास मे सारे बट डालकर रखें, ताकि आपको यह पी हुई सिगरेट की याद दिलाता रहे।
10. सिगरेट गुल्लक
आप एक गुल्लक बना सकते है प्रत्येक सिगरेट पीने पर उसमे दस रुपए डालने का प्रण लें। जब उसमे कुछ अच्छे खासे पैसे हो जाएं तो बच्चों के लिए कुछ काम की चीज लाएं, जैसे अलार्मक्लॉक वगैरहा जो आपको लगातार दिखती रहे। यदि आप अपने ऊपर इस तरह का शुल्क ना लगाना चाहे तो सिगरेट ना पीने से होने वाली बचत को भी इस गुल्लक मे रख सकते है। ध्यान रखिएगा, इस बचत से होने वाले फायदे और सिगरेट पीने से होने वाले नुकसानों की तरफ़ आपका ध्यान दिन मे एक से अधिक बार जाएं।
उम्मीद है उपरोक्त सभी प्वाइंट आपने गाँठ बांध लिए होंगे। आप इनको आजमाने की कोशिश करिएगा, यकीन मानिए, मैने अपनी सिगरेट की आदत ऐसे ही छोड़ी थी, यदि मै छोड़ सकता हूँ तो आप क्यों नही
Lo jee Ho Gaya
लीजिए पेश है आतंकवाद पर कुछ सरकारी वक्तव्य और उनपर हमारे एक्सपर्ट मिर्जा साहब की प्रतिक्रिया। मिर्जासाहब हमारे ब्लॉग सबसे पुराने पात्र है। नए लोगों को मिर्जा साहब का थोड़ा परिचय दे दिया जाए। मिर्जासाहब लखनऊ से है, जुबान अवधी लेकिन गालियां देने मे कानपुरियों को भी मात करते है। उनका ऐसा कोई वाक्य नही होता जिसमे गाली नही होती। अलबत्ता ये गालियां देने मे इत्ता जरुर ध्यान रखते है कि गालियां लोगो को ना दी जाएं, मतलब बात करते करते वे कभी एसी, कभी गाड़ी और कभी सोफे को ही गालिया दे देते है। व्यक्ति विशेष (अगर वो उपस्थित हो तो) उसको गालियां देने से परहेज किया जाता है। मिर्जासाहब नेताओं से बहुत चिढते है, बस आप चर्चा छेड़ दो, उसके बाद माहौल मे रह जाती है मिर्जा की बाते, नेता और गालियाँ। यहाँ पर मिर्जा की प्रतिक्रियाओं को सेंसर (गालीमुक्त) करके छापा जा रहा है।
तो जनाब बात हो रही थी आतंकवादी घटना के पहले और बाद की सरकारी प्रतिक्रियाओं की और इन प्रतिक्रियाओं का मिर्जा द्वारा पोस्टमार्टम।
किसी आतंकवादी घटना के पहले
- हमारी सीमाए सुरक्षित है। (फिर भी आतंकवादी टहलते हुए आ जाते है।)
- देश मे सभी आतंकवादियों की गतिविधियों पर कड़ी निगाह है। (निगाहो से निगाहे मत मिला, हमले के पहले धर दबोचो।)
- हम जमीन के हर इंच की रक्षा करेंगे। (इंचीटेप के आर्डर के लिए टेंडर अगले महीने मंगाए जाएंगे)
- हर संवेदनशील जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। (कैमरे का ठेका, नेताजी के साले को दिया गया है।)
- आतंकवादियों का हौसला पस्त है। (पस्त नही, वे लोग व्यस्त है, आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत मे सर डालकर खतरा टल जाने का सोच रहे हो)
- कड़ी चौकसी के कारण आतंकवादी किसी नयी योजना को अंजाम नही दे पा रहे। (अलबत्ता हैडली जैसे लोग आराम से रेकिंग कर पा रहे है, और हमें हवा भी नही लगती।)
- केंद्र और राज्यों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान का अच्छा तालमेल है। (यही तालमेल हमले के बाद के परस्पर विरोधी बयानों से जाहिर हो जाता है।)
- हम पाकिस्तान से तब तक बातचीत नही करेंगे जब तक वहाँ पर आतंकवादी कैम्प बन्द नही होते। (जिस दिन अंकल सैम ने आदेश किया, हम दंडवत वार्ता को राजी हो जाएंगे।)
- पाकिस्तान से बातचीत की जा सकती है, आखिरी फैसला कैबिनेट लेगा। (अंकल सैम ने लगता है फोन कर दिया है।)
- पाकिस्तान से बातचीत मे अगले महीने होगी। (लगता है अंकल सैम ने दबाव बढा दिया है।)
किसी आतंकवादी घटना के समय/उपरान्त
- लश्कर ने इसको अंजाम दिया है। (किसी का भी नाम लगा दो, कौन सा प्रूव करना है।)
- आतंकवादियों को बख्शा नही जाएगा। (पहले पकड़ो तो, जिनका पकड़ा है उनको ही दमाद बनाकर रखा है।)
- सभी देशवासी एकजुट है। (और कोई विकल्प है क्या? )
- आतंकवादी काफी समय से प्लानिंग कर रहे थे। (और हमारा सूचनातंत्र सो रहा था।)
- ये राज्य सरकार की चूक है। (अक्सर ठीकरा राज्य सरकार पर ही फूटता है।)
- केंद्र सरकार से हमले की आशंका की सूचना थी, लेकिन सटीक जानकारी नही दी गयी थी। (अगली बार आपको पूरा कार्यक्रम पहले फैक्स किया जाएगा, तब तक आप हाथ पर हाथ धरकर बैठिए।)
- ये केंद्र सरकार की चूक है। (हम पहले ठाकरे जैसे नेताओं से फुरसत मिले तब तो सुरक्षा व्यवस्था देखें।)
- सीसीटीवी कैमरे नही थे। (नेताजी के साले साहब पैसा डकार गए।)
- सीसीटीवी कैमरे काम नही कर रहे थे। (किसी ने स्विच हटाकर मोबाइल चार्जर लगाया हुआ था।)
- हम आतंकवादियों को जल्द पकड़ लेंगे। (बस खबर लग जाए, कि ये लोग कहाँ छिपे है।)
- कुछ संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है। (नही भई, वे लोग बेकसूर है, ये तो हमारे वोटबैंक है, दिग्विजय सिंह जल्द ही उन लोगों से मिलकर उनकी रिहाई की आवाज उठाएंगे।)
- आगे से ऐसी कोई घटना होगी तो भारत चुप नही बैठेगा। (यानि जैसे पहले एक्शन लिया था, वैसा ही लेंगे।)
DONT MIND IT
आप दिल्ली के है यदि :
- आप सिर्फ़ सोमवार, बुधवार, गुरुवार और रविवार को ही पीते है। मंगलवार को बजरंगबली के द्वारे।
- दोस्त को इज्जत देने का मतलब दारु शारु ते कबाब शबाब।
- आप अद्दा, पऊवा के बारे मे बखूबी जानते हो।
- आपकी पोश कॉलोनी मे भी आलू ले लो, भिंडी ले लो जी आवाजें सुनाई दें।
- जब मोहल्ले की औरतें सब्जी वाले से धनिया मिर्च फ्री मे लेने के लिए पंगे लें।
- जब आपको सबको मिलने के लिए सिर्फ़ बरिस्ता मे ही टाइम दें।
- जब सैटिंग और जुगाड़ आपके प्रिय शब्द हों।
- जब आप कुतुबमीनार, लाल किला और लोटस टेम्पिल कभी ना गए हो। क्योंकि आपकी नज़र मे ये सब टूरिस्ट के लिए है।
- आप रिक्शे वाले से कम से कम एक बार जरुर झगड़ें हो।
- आप गोलगप्पे वाले से जरुर पूछते हो “भैया! ये आटे के है या सूजी के?“
- आप हर अजनबी को ’भैया’ बोलते हो।
- आप महरौली के किसी फार्म हाउस मे एक शादी मे जरुर गए हो।
- आप पंजाबी की सभी गालियां समझते हो और देने मे भी कभी नही चूकें हो।
- आप रेस्टोरेंट मे वेटर को बॉस या पाप्पे कहकर बुलाते हो।
- आपके अपनी बातचीत मे ’बंदा’, ’फड्डा’ और ’पंगा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल जरुर करते हो।
- यदि आपको पाप्पे का ढाबा या काक्के दा होटल का बटर चिकन, आपको ताज से भी ज्यादा अच्छा लगता हो।
- आपकी नजर मे पूर्वी दिल्ली ’जमुना पार’ हो।
- आप एम्स को मेडिकल कहकर पुकारते हो।
- लड़कियों के लिए कोडवर्ड यानि टोटा वगैरहा आप बखूबी समझते हो।
- आप हर आशिक मिजाज लड़के को ’मजनूं की औलाद’ कहते हो।
- आपकी नजर मे, गर्लफ्रेंड होना स्टेटस सिम्बल हो।
- आपने कभी भी क्रिकेट मैच की टिकट नही ली, हमेशा ’जुगाड़’ पर निर्भर रहे।
- आपकी नजर मे, अच्छा ड्राइवर वही है जो आगे वाले ड्राइवर के मन की बात समझे।
- आप ये बताना अपनी तौहीन समझेंगे कि आप आगे वाली गाड़ी को किस तरफ़ से ओवरटेक करेंगे।
- यदि आपके घर मे कम से कम दो गाड़ियां और एक मोटरसाइकिल जरुर हो।
- आप कनाट प्लेस/लाजपत नगर मे पार्किंग के लिए दो घंटे भटक सकते है, लेकिन अपनी कार ले जाना नही छोड़ते, क्योंकि आपकी नजर में “अपनी कंवेन्स होवे ना तो बड़ी कन्वेनियंस होन्दी है।”
- आप कम से कम पंद्रह दिनो मे एक बार पड़ोसी से पार्किंग को लेकर जरुर झगड़ें हो।
- आप ट्रैफिक पुलिस वाले को कम से कम एक बार रिश्वत जरुर दे चुके हो।
- आपकी नजर मे फार्महाउस का मतलब शादी पार्टी वाला घर ही होता हो।
- आपकी नजर मे जुगाड़ ही सबकुछ है, भले ही सिनेमा की टिकटे चहिए या बच्चे का स्कूल मे दाखिला।
- यदि आपने कम से कम एक बार विक्रम होटल के सामने अंडा पराँठा, धौला कुँआ का ’बन-आमलेट’, करोल बाग की कुल्फी, इंडियागेट के गोलगप्पे, मद्रास होटल का डोसा और चाँदनी चौक की चाट जरुर खायी हो।
- भले ही मेट्रो रेल दिल्ली की शान होगी, लेकिन आप तो अपनी गाड़ी से ही ’सफर’ करते हुए जाएंगे।
- आप हर साउथ इंडियन को ’मद्रासी’ समझते हो।
- और आपकी नजर मे हर नार्थ इस्टर्न ’चिंकी’ हो।
- आप हमेशा मुम्बई वालों से अपनी तुलना करते हो।
- आप चिड़ियाघर (Zoo) अपनी स्कूल पिकनिक पर ही गए हो।
- आप हर शहर मे उम्मीद करें कि दस एफएम स्टेशन होने चाहिए।
- आप दिन मे कम से कम एक बार जरुर कहेंगे ’दिल्ली रहने लायक जगह नही रही’, लेकिन फिर भी कभी छोड़कर नही जाएंगे।
- इत्ता सबकुछ होने के बाद आप दिल्ली को प्यार करते हो।
- आप हमेशा गाते रहे ’दिल्ली है दिलवालों की’
जाते जाते : मुम्बई और दिल्ली वाले एक दूसरे के शहर को बुरा बता रहे थे।
दिल्ली वाला : मुम्बई तो ’चिविंग गम’ की तरह है, एक ही लाइन मे बसी हुई।
मुम्बई वाला : और तुम्हारी दिल्ली, ऐसा लगता है किसी ने पान की पीक उड़ेल दी हो, हर जगह छितरी
just check
अक्सर हमारे जीवन मे कुछ ऐसी बाते घटती है, कि हम सोचने पर मजबूर हो जाते है कि ऐसा क्यों होता है। लीजिए पेश है कुछ ऐसी घटनाएं। अक्सर ऐसा क्यों होता है जब…
- आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी फोन की घंटी बजती है।
- अगर पेंच कसते समय, अगर पेंच, बोल्ट गिरा तो सोफे के नीचे या दूर कंही जाकर गिरता है।
- जब आप कोई बेवकूफी भरी हरकत करते है, तभी सभी आपकी तरफ़ देखते है। वैसे बेवकूफी की हरकत और लोगों के देखना समानुपाती होता है।
- गलती से रॉंग नम्बर डायल करने पर हमेशा कोई ना कोई उठा लेता है।
- आपने ऑफिस लेट आने के लिए टायर पंचर का बहाना ठेला था, अगले ही दिन टायर पंचर होता है। (इस बार आपको किसी मरे हुए रिश्तेदार को फिर से मारना पड़ता है।)
- गाड़ी चलाते समय, ठसाठस थकी हुई लेन से जैसे ही आप लेन बदलते है, तो आपकी लेन रुक जाती है। और थकी हुई लेन मे दनादन गाड़िया आपको चिढाते हुए निकलती है।
- जब आप नहा रहे होते है, तभी दरवाजे की घंटी बजती है।
- जब आप अपनी गर्लफ्रेंड को शॉपिंग मॉल मे टहला रहे होते है, तभी कोई ससुराली रिश्तेदार/या दोस्त आपको मिलता है।
- आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी कंही खुजली होती है।
- जब आप अपने बॉस को प्रूव करने की कोशिश करते है कि सिस्टम काम नही कर रहा, तभी वो सही काम करता है।
- खुजली जितनी सटीक जगह होती है, मन भी उतना ही ज्यादा मचलता है।
- सिनेमा हॉल मे आपके आगे वाली सीटों के लोग हमेशा देर से आते है।
- आप अपने ऑफिस मे कॉफ़ी आर्डर करते है, तभी आपको बॉस का बुलावा आता है, कॉफ़ी का ठंडा होना तय है।
- बैंक के लॉकर रुम मे अगर दो लोग है, तो दोनो के लॉकर आस पास ही होते है।
- आप मेहमानो के लिए नया कॉरपेट बिछाते है, बच्चे उस पर खाना जरुर गिराते है।
- बहस करते समय आप अपनी कम जानकारी वाले विषय पर ही ज्यादा बोलते है।
- बड़ी मुश्किल से आपकी साइज के फिट कपड़े मिले है, लेकिन रंग आपकी पसन्द का नही मिलता।
- जैसे ही आपको कोई चीज पसंद आती है, या तो वो आउट आफ मार्केट हो जाती है अथवा बननी ही बन्द हो जाती है।
- डाक्टर की अपाइंटमेंट मिलते ही आपका बुखार सुधरने लगता है।
- कम्प्यूटर टैक्नीशियन के आते ही आपकी प्राबलम सुलझ जाती है।
- आपकी शादी होते ही खूबसूरत लड़कियों/लड़कों की जैसे बाड़ ही आ जाती है। आपके समय मे सूखा पड़ा था लगता है।