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अक्सर हमारे जीवन मे कुछ ऐसी बाते घटती है, कि हम सोचने पर मजबूर हो जाते है कि ऐसा क्यों होता है। लीजिए पेश है कुछ ऐसी घटनाएं। अक्सर ऐसा क्यों होता है जब…

  • आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी फोन की घंटी बजती है।
  • अगर पेंच कसते समय, अगर पेंच, बोल्ट गिरा तो सोफे के नीचे या दूर कंही जाकर गिरता है।
  • जब आप कोई बेवकूफी भरी हरकत करते है, तभी सभी आपकी तरफ़ देखते है। वैसे बेवकूफी की हरकत और लोगों के देखना समानुपाती होता है।
  • गलती से रॉंग नम्बर डायल करने पर हमेशा कोई ना कोई उठा लेता है।
  • आपने ऑफिस लेट आने के लिए टायर पंचर का बहाना ठेला था, अगले ही दिन टायर पंचर होता है। (इस बार आपको किसी मरे हुए रिश्तेदार को फिर से मारना पड़ता है।)
  • गाड़ी चलाते समय, ठसाठस थकी हुई लेन से जैसे ही आप लेन बदलते है, तो आपकी लेन रुक जाती है। और थकी हुई लेन मे दनादन गाड़िया आपको चिढाते हुए निकलती है।
  • जब आप नहा रहे होते है, तभी दरवाजे की घंटी बजती है।
  • जब आप अपनी गर्लफ्रेंड को शॉपिंग मॉल मे टहला रहे होते है, तभी कोई ससुराली रिश्तेदार/या दोस्त आपको मिलता है।
  • आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी कंही खुजली होती है।
  • जब आप अपने बॉस को प्रूव करने की कोशिश करते है कि सिस्टम काम नही कर रहा, तभी वो सही काम करता है।
  • खुजली जितनी सटीक जगह होती है, मन भी उतना ही ज्यादा मचलता है।
  • सिनेमा हॉल मे आपके आगे वाली सीटों के लोग हमेशा देर से आते है।
  • आप अपने ऑफिस मे कॉफ़ी आर्डर करते है, तभी आपको बॉस का बुलावा आता है, कॉफ़ी का ठंडा होना तय है।
  • बैंक के लॉकर रुम मे अगर दो लोग है, तो दोनो के लॉकर आस पास ही होते है।
  • आप मेहमानो के लिए नया कॉरपेट बिछाते है, बच्चे उस पर खाना जरुर गिराते है।
  • बहस करते समय आप अपनी कम जानकारी वाले विषय पर ही ज्यादा बोलते है।
  • बड़ी मुश्किल से आपकी साइज के फिट कपड़े मिले है, लेकिन रंग आपकी पसन्द का नही मिलता।
  • जैसे ही आपको कोई चीज पसंद आती है, या तो वो आउट आफ मार्केट हो जाती है अथवा बननी ही बन्द हो जाती है।
  • डाक्टर की अपाइंटमेंट मिलते ही आपका बुखार सुधरने लगता है।
  • कम्प्यूटर टैक्नीशियन के आते ही आपकी प्राबलम सुलझ जाती है।
  • आपकी शादी होते ही खूबसूरत लड़कियों/लड़कों की जैसे बाड़ ही आ जाती है। आपके समय मे सूखा पड़ा था लगता है।